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शरीर को आदर्श (Ideal) पैमाने पर रखना क्यों जरूरी है


 

शरीर को आदर्श (Ideal) पैमाने पर रखना क्यों जरूरी है और एक वेलनेस कोच इसमें कैसे मदद करता है

आज जीवन में स्वास्थ्य की अनदेखी आम बात हो गई है। अनियमित जीवनशैली, असंतुलित खानपान, तनाव और शारीरिक निष्क्रियता ने लोगों को बीमारियों की ओर धकेल दिया है। ऐसे में, शरीर को आदर्श पैमानों (Ideal Body Parameters) पर बनाए रखना न केवल जरूरी है, बल्कि यह दीर्घकालिक स्वास्थ्य का आधार है। यह लेख इसी विषय पर केंद्रित है कि आदर्श पैमाने क्या हैं, इन्हें बनाए रखना क्यों जरूरी है, और इसमें एक वेलनेस कोच कैसे सहायक सिद्ध होता है।


1. आदर्श शरीर के पैमाने क्या होते हैं?

शरीर के कुछ ऐसे बुनियादी मानक होते हैं जो व्यक्ति के संपूर्ण स्वास्थ्य की स्थिति को दर्शाते हैं। इन्हें आदर्श शरीर के पैमाने या “Ideal Health Parameters” कहा जाता है, जैसे:

  • सभी शारीरिक मानकों (Body Parameters) का सरल और वैज्ञानिक विवरण

  • बीएमआई (BMI - Body Mass Index)

    क्या है:
    बीएमआई शरीर के वजन और ऊँचाई का अनुपात होता है। यह बताता है कि आप अंडरवेट, सामान्य, ओवरवेट या मोटापे की श्रेणी में हैं।

    सूत्र: BMI = वजन (किलोग्राम) / ऊँचाई² (मीटर में)

    BMI रेंज (वयस्कों के लिए):

    BMI रेंज
    स्थिति
    < 18.5
    अंडरवेट
    18.5–24.9
    सामान्य वजन
    25–29.9
    ओवरवेट
    30+
    मोटापा (Obese)

    क्यों जरूरी है:
    यह हृदय रोग, डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर के जोखिम को मापने में मदद करता है।


    बॉडी फैट प्रतिशत (Body Fat Percentage)

    क्या है:
    शरीर में कुल वसा (fat) का प्रतिशत। यह बताता है कि शरीर के कुल वजन में से कितनी मात्रा वसा की है।

    आदर्श सीमा:

    वर्ग
    पुरुष
    महिलाएं
    एथलीट
    6-13%
    14-20%
    फिट
    14-17%
    21-24%
    औसत
    18-24%
    25-31%
    मोटापा
    25%+
    32%+

    क्यों जरूरी है:
    कम या ज्यादा फैट दोनों ही अस्वस्थ हैं। उच्च फैट प्रतिशत मोटापा, हार्मोनल समस्याएं और दिल की बीमारियों से जुड़ा होता है।


    विसरल फैट (Visceral Fat)

    क्या है:
    विसरल फैट पेट के अंदर अंगों (जैसे लिवर, किडनी) के चारों ओर जमा होने वाली खतरनाक चर्बी होती है।

    रेंज:

    Visceral Fat Levelस्थिति
    1–9सामान्य
    10–14खतरे का संकेत
    15+गंभीर जोखिम

    क्यों जरूरी है:
    उच्च विसरल फैट से टाइप 2 डायबिटीज़, हाई BP, हृदय रोग और fatty liver जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।


    बॉडी एज (Body Age)

    क्या है:
    बॉडी एज से तात्पर्य है कि आपका शरीर असल उम्र की तुलना में कितना स्वस्थ या अस्वस्थ है। यह मेटाबॉलिज्म, फैट, मसल्स और लाइफस्टाइल पर आधारित होती है।

    उदाहरण:
    आपकी असल उम्र 30 है, लेकिन शरीर की उम्र 40 दिखा रहा है – इसका मतलब शरीर थका हुआ या असंतुलित है।

    क्यों जरूरी है:
    यह आपको चेतावनी देता है कि अंदर से आपका शरीर कैसा प्रदर्शन कर रहा है।


    मसल मास (Muscle Mass)

    क्या है:
    शरीर में मौजूद मांसपेशियों का कुल वजन – जिसमें स्केलेटल मसल, स्मूथ मसल और हृदय मांसपेशियां शामिल होती हैं।

    आदर्श (औसतन):

    उम्र
    पुरुष (% वजन का)
    महिलाएं (% वजन का)
    18–40
    33–39%
    28–33%
    41–60
    30–36%
    25–30%

    क्यों जरूरी है:
    मांसपेशियां कैलोरी जलाने में मदद करती हैं और शरीर को एक्टिव बनाए रखती हैं। कम मसल मास से कमजोरी, मोटापा और बीमारियों का खतरा बढ़ता है।


    बीएमआर (BMR - Basal Metabolic Rate)

    क्या है:
    बीएमआर वो न्यूनतम कैलोरी मात्रा है जो आपका शरीर आराम की स्थिति में भी उपयोग करता है (सांस लेना, खून पंप करना आदि)।

    उदाहरण:
    अगर आपका BMR 1500 kcal/day है, तो आपका शरीर बिना किसी एक्सरसाइज के भी रोज़ इतनी कैलोरी जलाता है।

    क्यों जरूरी है:

    • वजन घटाने या बढ़ाने के लिए कैलोरी इनपुट–आउटपुट का सही हिसाब जरूरी है।

    • BMR जानने से आप अपनी डाइट और एक्सरसाइज प्लान बेहतर बना सकते हैं।


    ✅ निष्कर्ष:

    पैरामीटरक्यों जरूरी है
    BMI
    मोटापा या कम वजन की स्थिति बताता है
    Body Fat %
    शरीर में वसा का संतुलन दर्शाता है
    Visceral Fat
    अंदरूनी अंगों के आसपास की खतरनाक चर्बी
    Body Age
    आपकी असली उम्र बनाम शरीर की कार्यक्षमता
    Muscle Mass
    ताकत, फिटनेस और फैट बर्निंग की क्षमता दर्शाता है
    BMR
    कैलोरी की ज़रूरत और मेटाबॉलिक एक्टिविटी बताता है

ये सभी मानक एक व्यक्ति के स्वास्थ्य की नींव हैं। इनका असंतुलन कई गंभीर बीमारियों जैसे मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग आदि का कारण बन सकता है।


2. शरीर को इन आदर्श मानकों पर रखना क्यों जरूरी है?

(1) बीमारियों से बचाव के लिए:

जब शरीर के पैमाने संतुलित होते हैं, तब रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत रहती है। इससे व्यक्ति वायरल, संक्रमण, हार्मोनल असंतुलन, मोटापा और जीवनशैली जनित रोगों से बचा रहता है।

(2) ऊर्जा और सक्रियता के लिए:

आदर्श पैमाने पर शरीर रहने से थकावट कम होती है, ऊर्जा बनी रहती है और मानसिक संतुलन भी बेहतर होता है।

(3) दीर्घायु और गुणवत्ता पूर्ण जीवन के लिए:

स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है। लंबे समय तक स्वस्थ रहने के लिए शरीर के मानकों का संतुलित रहना आवश्यक है।

(4) मनोबल और आत्मविश्वास के लिए:

जब व्यक्ति फिट होता है तो उसमें आत्मविश्वास और समाजिक सहभागिता की भावना भी मजबूत होती है।


3. एक वेलनेस कोच कैसे मदद करता है?

एक वेलनेस कोच न केवल स्वास्थ्य संबंधी सुझाव देता है, बल्कि वह व्यक्ति की जीवनशैली, आदतें, पोषण, और मानसिक स्वास्थ्य पर समग्र दृष्टिकोण से काम करता है।

(1) नैतिक मार्गदर्शन और मोटिवेशन:

वेलनेस कोच आपको व्यक्तिगत स्वास्थ्य लक्ष्य निर्धारित करने में मदद करता है। वह नियमित रूप से आपको मोटिवेट करता है ताकि आप ट्रैक पर बने रहें।

(2) व्यक्तिगत पोषण योजना (Personalized Nutrition Plan):

हर व्यक्ति की आवश्यकता अलग होती है। वेलनेस कोच आपकी उम्र, वजन, बीएमआई, रोगों के इतिहास को देखकर एक अनुकूल भोजन योजना बनाता है।

(3) व्यायाम और शारीरिक गतिविधियों की योजना:

कोच आपकी दिनचर्या के अनुसार व्यायाम या एक्टिविटी प्लान देता है। योग, वॉकिंग, कार्डियो या स्ट्रेंथ ट्रेनिंग – जो आपको सूट करे।

(4) मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान:

तनाव, चिंता, अनिद्रा जैसी समस्याएं भी शरीर को प्रभावित करती हैं। वेलनेस कोच मेडिटेशन, पॉजिटिव थिंकिंग, ब्रेथिंग एक्सरसाइज आदि के जरिए मानसिक स्थिति को संतुलित करने में भी सहायता करता है।

(5) लाइफस्टाइल मॉडिफिकेशन:

नींद का समय, जल सेवन, स्क्रीन टाइम, ब्रेक का समय – ये सभी छोटी-छोटी बातें स्वास्थ्य को प्रभावित करती हैं। कोच इन सभी पहलुओं को व्यवस्थित करने में मदद करता है।

(6) प्रगति की निगरानी (Tracking):

वेलनेस कोच नियमित रूप से आपकी प्रगति को मॉनिटर करता है – जैसे वज़न, बीएमआई, फैट परसेंटेज आदि और उस अनुसार योजना को बदलता भी है।

(7) सकारात्मक आदतों का विकास:

कोच आपको ऐसी जीवनशैली अपनाने की दिशा में प्रेरित करता है जो दीर्घकालीन हो और जिसे आप बिना दबाव के अपनाएं।


4. वेलनेस कोच की भूमिका और महत्ता

आज के समय में डॉक्टर से मिलने से पहले अगर आप वेलनेस कोच की सलाह लें, तो आप बीमार होने से पहले ही उसे रोक सकते हैं। वेलनेस कोच की भूमिका है:

  • रोकथाम (Prevention) पर ध्यान देना

  • नैतिक और मानसिक समर्थन देना

  • होलिस्टिक हेल्थ को बढ़ावा देना

  • स्वस्थ आदतें सिखाना

इसलिए वेलनेस कोच को एक सहारा, मार्गदर्शक और प्रेरणास्त्रोत के रूप में देखा जाना चाहिए, जो व्यक्ति को उसके शरीर के आदर्श मानकों तक पहुँचने और बनाए रखने में मदद करता है।

"बीमारी का इलाज डॉक्टर करता है, लेकिन बीमारी को आने से रोकता है एक वेलनेस कोच।"

एक वेलनेस कोच आपके लिए गाइड, मोटिवेटर और हेल्थ पार्टनर की तरह होता है। स्वस्थ रहने के लिए आज के समय में वेलनेस कोच को अपनी ज़िंदगी में शामिल करना, एक स्मार्ट और समय की मांग है।


निष्कर्ष:

आज के युग में शरीर को आदर्श पैमाने पर बनाए रखना सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि आवश्यकता बन चुका है। यह न केवल बीमारियों से बचाव करता है, बल्कि जीवन को ऊर्जावान, सकारात्मक और दीर्घकालिक रूप से सुखद बनाता है। इस दिशा में एक वेलनेस कोच की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, जो व्यक्ति को सही मार्ग पर ले जाता है – पोषण, व्यायाम, मानसिक स्वास्थ्य और अनुशासन के माध्यम से। यदि आप एक स्वस्थ, सक्रिय और खुशहाल जीवन की कल्पना करते हैं, तो अपने जीवन में एक वेलनेस कोच को स्थान देना आपके लिए वरदान साबित हो सकता है।


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लेखक परिचय:

जितेन्द्र पुरी गोस्वामी – (मैं एक अनुभवी Health & Wellness Coach हूॅं। पिछले कई वर्षों से लोगों को प्राकृतिक और पोषणयुक्त जीवनशैली अपनाने की सलाह देते आ रहा हूॅं। मेरे हेल्थ टिप्स, फिटनेस और न्यूट्रिशन से जुड़े  विचार आज लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।)



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