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"What is Wellness Coaching & Why You Need It?" : वेलनेस कोचिंग क्या है और इसकी ज़रूरत क्यों है

  वेलनेस कोचिंग क्या है और इसकी ज़रूरत क्यों है "What is Wellness Coaching & Why You Need It?" वेलनेस कोचिंग क्या है और इसका उद्देश्य         वेलनेस ( Wellness) कोचिंग का अर्थ है एक समग्र स्वास्थ्य (बेहतर मानसिक , शारीरिक , सामाजिक और भावनात्मक स्वास्थ्य) की ओर व्यक्ति की व्यक्तिगत यात्रा में मार्गदर्शन देना । NASM (National Academy of Sports Medicine) के अनुसार वेलनेस कोचिंग का उद्देश्य है व्यक्ति को सकारात्मक जीवनशैली विकल्प चुनने में मदद करना , ताकि उसका जीवन स्वस्थ , संतुलित और प्रसन्न हो सके । वेलनेस कोच कहीं भी निर्देश नहीं देता ; बल्कि वह क्लाइंट के साथ मिलकर लक्ष्य तय करता है और विभिन्न आयामों (जैसे पोषण , व्यायाम , नींद , तनाव प्रबंधन) में बदलाव लाने में सहयोग करता है ।           वेलनेस कोच एक प्रशिक्षित पेशेवर होता है जो व्यक्ति की रोजमर्रा की आदतों और व्यवहारों को सकारात्मक रूप से बदलने के लिए सहयोग करता है। वह न केवल शारीरिक गतिविधि या पोषण का परामर्श देता है , बल्कि मानसिकता , भावनात्मक क्षमताओं और जीवन में संतुल...

How to Stay Fit Without Going to the Gym : बिना जिम जाए फिट कैसे रहें

  "बिना जिम जाए फिट कैसे रहें" "How to Stay Fit Without Going to the Gym" फिट रहने का मतलब सिर्फ अच्छा दिखना नहीं, बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य व खुशहाली भी है। आज की तेज-तर्रार जीवनशैली में कई लोग घंटों तक कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन के सामने बैठे रहते हैं, जिससे मोटापा, मधुमेह, उच्च रक्तचाप जैसी समस्याएँ बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों के अनुसार नियमित शारीरिक गतिविधि हृदय रोग, स्ट्रोक, मधुमेह व कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों को रोकने में मदद करती है। शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली भी मजबूत होती है और मानसिक तनाव कम होता है। यही कारण है कि फिटनेस केवल जिम तक सीमित नहीं, बल्कि घर-आस-पास की गतिविधियों एवं अनुशासित जीवनशैली से भी हासिल की जा सकती है। घरेलू व्यायाम घर पर सरल तरीके से किए जाने वाले व्यायाम भी शरीर को मजबूत और लचीला बनाते हैं। उदाहरणतः योग व स्ट्रेचिंग से न सिर्फ शरीर का लचीलापन बढ़ता है, बल्कि मानसिक शांति भी मिलती है। नियमित योगाभ्यास से शरीर के मुख्य जोड़ व मांसपेशियाँ सक्रिय रहती हैं। साथ ही पुश-अप्स, स्क्वाट्स, लंजेस जैसे बॉडी-वेट एक्सर...

Gratitude & Journaling : कृतज्ञता और जर्नलिंग

  Gratitude & Journaling "कृतज्ञता और जर्नलिंग: आंतरिक सुख-शांति उपकरण" (Gratitude & Journaling: Tools for Inner Wellness) आधुनिक जीवनशैली में भागदौड़, तनाव, चिंता और मानसिक अस्थिरता आम बात हो गई है। ऐसे में हम अक्सर आंतरिक शांति और खुशी की तलाश में भटकते रहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मन की शांति और आत्म-संतोष बाहरी चीजों से नहीं, बल्कि हमारी सोच और दृष्टिकोण से उत्पन्न होता है? कृतज्ञता (Gratitude) और जर्नलिंग (Journaling) ऐसे दो आत्म-देखभाल के साधन हैं जो हमें मानसिक, भावनात्मक और आत्मिक रूप से सशक्त बनाते हैं। ये हमारे जीवन में गहराई, संतुलन और सच्चा सुख लाने में सहायक होते हैं। यह निबंध इन्हीं दोनों विधाओं की महत्ता, अभ्यास, लाभ और जीवन में इनके प्रभावों को विस्तार से प्रस्तुत करता है। कृतज्ञता (Gratitude) क्या है? कृतज्ञता का अर्थ है – धन्यवाद की भावना। यह एक मानसिक और भावनात्मक अभ्यास है जिसमें व्यक्ति अपने जीवन की उपलब्धियों, संबंधों, और परिस्थितियों के लिए आभार व्यक्त करता है। Gratitude यानी कृतज्ञता का मतलब है उन चीज़ों को सराहना और धन्यव...