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"Health is Wealth" जरूरी क्यों है?


 "Health is Wealth" जरूरी क्यों है?

"स्वास्थ्य ही धन है" ये कहावत सिर्फ एक वाक्य नहीं, बल्कि एक गहरा जीवन सत्य है। जब हमारा शरीर स्वस्थ होताहै, तब ही हम अच्छे से काम कर सकते हैं, खुश रह सकते हैं और जीवन के हर पल का आनंद ले सकते हैं।

क्यों जरूरी है स्वास्थ्य?

क्योंकि हमारे शरीर की ज़िम्मेदारी सिर्फ हमारी है। अगर हम अपने शरीर का ध्यान नहीं रखेंगे, तो जो भी बीमारियाँ या परेशानियाँ आएंगी, उनका दर्द और असर हमें ही झेलना पड़ेगा — न कि किसी और को।

जब शरीर बीमार होता है, तो काम करने का मन नहीं करता, ऊर्जा खत्म हो जाती है और मानसिक तनाव भी बढ़ता है। ऐसे में न हम अपने परिवार का साथ दे पाते हैं, न अपने सपनों को पूरा कर पाते हैं।

एक स्वस्थ शरीर ही एक सफल जीवन की नींव है।
इसलिए –

  • रोज़ एक्सरसाइज़ करें

  • संतुलित आहार लें

  • समय पर सोएं और पर्याप्त नींद लें

  • तनाव से दूर रहें

  • और सबसे ज़रूरी – अपने शरीर को समझें और उसका आदर करें।

याद रखिए:
"अगर आप आज अपने शरीर का ध्यान रखेंगे, तो कल आपका शरीर आपका ध्यान रखेगा।"
इसलिए स्वस्थ रहें, खुश रहें – क्योंकि स्वास्थ्य ही सच्चा धन है।


"स्वास्थ्य ही सच्चा धन है" – यह कहावत हम बचपन से सुनते आ रहे हैं, लेकिन इसके पीछे का वास्तविक महत्व हम तब समझते हैं जब हमारा शरीर किसी बीमारी या कमजोरी का शिकार होता है। धन, पद, प्रतिष्ठा, संपत्ति – ये सब तभी अच्छे लगते हैं जब हमारा शरीर और मन स्वस्थ हो। यदि स्वास्थ्य ही नहीं रहेगा, तो दुनिया की कोई भी चीज़ आनंद नहीं दे सकती।

आज की तेज़ भागती दुनिया में लोग पैसे के पीछे भागते हैं, लेकिन अक्सर अपने स्वास्थ्य की अनदेखी करते हैं। लेकिन जब शरीर जवाब देना शुरू करता है, तब जाकर हमें एहसास होता है कि असली धन हमारा स्वास्थ्य ही है।

स्वास्थ्य का महत्व:

स्वास्थ्य सिर्फ बीमारियों से बचाव नहीं है, बल्कि यह एक संपूर्ण अवस्था है – शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक संतुलन की। एक स्वस्थ व्यक्ति:

  • ज़्यादा ऊर्जा से भरपूर होता है,

  • जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखता है,

  • कठिनाइयों का डटकर सामना करता है,

  • और अपने कर्तव्यों को पूरे जोश और आत्मविश्वास से निभाता है।

जब हम बीमार पड़ते हैं, तो न केवल हमारा शरीर पीड़ित होता है, बल्कि हमारा मन भी उदास और बेचैन हो जाता है। इलाज में पैसा, समय और मानसिक ऊर्जा खर्च होती है। इसलिए यदि हम पहले से ही स्वास्थ्य पर ध्यान दें, तो इन सभी समस्याओं से बच सकते हैं।

धन और स्वास्थ्य की तुलना:

आइए एक उदाहरण से समझते हैं:
मान लीजिए किसी व्यक्ति के पास करोड़ों की संपत्ति है, बड़ी गाड़ी है, बंगला है, लेकिन वह डाइबिटीज़, हाई बीपी, मोटापा या अन्य गंभीर बीमारी से ग्रसित है। वह अपने मनपसंद खाने को नहीं खा सकता, घूमने-फिरने नहीं जा सकता, हर समय दवा लेनी पड़ती है – तो क्या वह वाकई में अमीर है?

दूसरी ओर एक ऐसा व्यक्ति जिसके पास बहुत ज़्यादा पैसा नहीं है, लेकिन वह हर दिन सुबह टहलने जाता है, योग करता है, पौष्टिक आहार लेता है और मानसिक रूप से संतुलित है – वह व्यक्ति कम संपत्ति के बावजूद ज़्यादा सुखी और संपन्न महसूस करता है।

इसलिए धन से ज़्यादा मूल्यवान है स्वास्थ्य – क्योंकि यह जीवन जीने की असली पूंजी है।

शरीर की ज़िम्मेदारी हमारी है:

हमारा शरीर हमें प्रकृति का दिया हुआ सबसे अनमोल तोहफा है। इसकी देखभाल करना सिर्फ हमारा ही काम है – कोई और हमारे बदले यह नहीं कर सकता। यदि हम ग़लत खान-पान, अनुशासनहीन जीवनशैली, तनाव, नशे आदि में पड़ जाएँ, तो इसका नतीजा हमें ही भुगतना पड़ता है – बीमारी, कमजोरी, असमय बुढ़ापा और मृत्यु।

जब बीमारी आती है, तो दर्द और तकलीफ हमें ही सहनी पड़ती है। डॉक्टर, दवाइयाँ, इलाज – ये सब सहायक हो सकते हैं, लेकिन स्वास्थ्य की रक्षा सिर्फ हमारी समझदारी और जीवनशैली पर निर्भर करती है।

स्वस्थ जीवन के उपाय:

स्वस्थ जीवन जीने के लिए कुछ मूलभूत आदतें अपनाना ज़रूरी हैं:

  1. संतुलित आहार: हर दिन शरीर को आवश्यक पोषण देना जरूरी है – जैसे प्रोटीन, फाइबर, विटामिन, मिनरल्स, पानी आदि। तला-भुना, प्रोसेस्ड फूड और अधिक चीनी से बचें।

  2. नियमित व्यायाम: रोज़ाना कम से कम 30 मिनट चलना, योग, साइकलिंग, दौड़ना या कोई भी फिजिकल एक्टिविटी करें।

  3. पर्याप्त नींद: रोजाना 7–8 घंटे की गहरी नींद शरीर और मन को रीसेट करती है।

  4. तनाव प्रबंधन: ध्यान, मेडिटेशन, और सकारात्मक सोच से मानसिक संतुलन बना रहता है।

  5. नशामुक्त जीवन: शराब, सिगरेट, गुटखा जैसी चीज़ें शरीर को धीरे-धीरे नष्ट कर देती हैं।

  6. नियमित जांच: शरीर की समय-समय पर जांच करवाना, जैसे BMI, BP, शुगर आदि, ताकि समस्या पहले ही पकड़ में आ जाए।

एक वेलनेस कोच की भूमिका:

आज की व्यस्त जीवनशैली में कई लोग समझ नहीं पाते कि उन्हें अपने स्वास्थ्य को कैसे प्राथमिकता देनी चाहिए। यहां एक वेलनेस कोच मदद करता है।
वह आपको आपकी लाइफस्टाइल, खान-पान और व्यायाम की आदतों के अनुसार मार्गदर्शन देता है ताकि आप बीमार होने से पहले ही स्वस्थ जीवन जी सकें।

  • वजन नियंत्रण,

  • पोषण संतुलन,

  • फिटनेस प्लान,

  • और मानसिक ऊर्जा – इन सभी पहलुओं में वेलनेस कोच एक मित्र और मार्गदर्शक की तरह काम करता है।

निष्कर्ष:

धन कमाया जा सकता है, खोया हुआ वापस पाया जा सकता है, लेकिन खोया हुआ स्वास्थ्य वापस लाना आसान नहीं। इसलिए हर इंसान को चाहिए कि वह अपने स्वास्थ्य को सबसे ऊपर रखे। अगर हम स्वस्थ हैं, तो हम अपने परिवार का ध्यान अच्छे से रख सकते हैं, समाज में योगदान दे सकते हैं और एक खुशहाल जीवन जी सकते हैं। "स्वास्थ्य एक ऐसा धन है, जो अगर एक बार चला गया तो दुनिया का कोई धन उसे वापस नहीं ला सकता।"

इसलिए – "स्वस्थ रहें, सतर्क रहें – क्योंकि ‘स्वास्थ्य ही सच्चा धन है’।"


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लेखक परिचय:

जितेन्द्र पुरी गोस्वामी – मैं एक Exprienced and Cerified Health and Wellness Coach हूॅं। पिछले कई वर्षों से लोगों को प्राकृतिक और पोषणयुक्त जीवनशैली अपनाने की सलाह देते आ रहा हूॅं। मेरे हेल्थ टिप्स, फिटनेस और न्यूट्रिशन से जुड़े  विचार आज लोगों को प्रेरित कर रहे हैं।


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